राजस्थान के अंदर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी खबर है गरीब छात्र जो कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते है अब उन्हें बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है सरकार की तरफ से कोचिंग संस्थानों को लेकर एक कानून बनाया जा रहा है जिसमें कोचिंग संस्थान विज्ञापनों में झूठ और भ्रामक दावे नहीं कर सकेंगे इसके अलावा 5 घंटे की क्लास होगी फीस की डिटेल कोचिंग संस्थानों को पहले ही देनी होगी अगर कोई भी कोचिंग संस्थान नियमों को तोड़ती है तो उन्हें 2 लाख रुपए तक का जुर्माना देना होगा।

राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक संगठित बनाने के लिए “राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025” विधानसभा में पेश किया है इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में कोचिंग संस्थानों को नियमों के तहत लाना और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है अब हर कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा जिससे पारदर्शिता बनी रहे अगर कोई कोचिंग संस्थान नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर पहले जुर्माना लगाया जाएगा और यदि बार बार नियम तोड़े जाते हैं तो स्थायी प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
नए विधेयक में कई अहम प्रावधान जोड़े गए हैं जिनमें कोचिंग सेंटरों का अनिवार्य पंजीकरण शाखाओं का अलग पंजीकरण और छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा शामिल है यदि कोई छात्र कोचिंग बीच में छोड़ता है तो उसे 10 दिनों के भीतर शेष फीस वापस किए जाने की अनिवार्यता होगी इसके अलावा कोचिंग सेंटरों में एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलाई जा सकेंगी ताकि छात्रों पर अनावश्यक मानसिक और शारीरिक दबाव न पड़े सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र को बिना अभिभावकों की अनुमति के किसी अन्य हॉस्टल में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
इस विधेयक के तहत कोचिंग संस्थानों के नियमों के उल्लंघन पर सख्त दंड का प्रावधान किया गया है पहली बार उल्लंघन करने पर ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा और अगर कोई संस्थान बार बार नियमों को तोड़ता है तो उसका पंजीकरण स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा सरकार ने यह भी कहा है कि कोचिंग सेंटरों में किसी भी तरह की मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
Rajasthan Coaching Centre Check
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शिक्षा प्रणाली को व्यवस्थित करना है कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण से छात्रों पर अतिरिक्त मानसिक दबाव कम होगा जिससे उनकी पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा और वे एक सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे यह विधेयक न केवल कोचिंग संस्थानों को अधिक अनुशासित बनाएगा बल्कि छात्रों के हितों की रक्षा भी करेगा यदि यह विधेयक सफलतापूर्वक लागू होता है तो यह राज्य में शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।