भारत की नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स वसूलने के लिए वर्तमान में टोल प्लाजा बनाए गए हैं और उन पर फास्टटैग की मदद से टोल वसूला जाता है लेकिन अब नए तरीके से आपका टोल लगेगा इसके लिए फास्टट्रैग को बंद कर दिया जाएगा।
पुराने समय में टोल वसूलने के लिए प्रक्रिया अलग थी जहां एक व्यक्ति चार पहिया वाहन के लिए पर्ची काट कर देता था उसके बाद में आधुनिकरण करके फास्टटैग सुविधा को लागू किया गया जिसकी मदद से कुछ ही सेकंड में गाड़ी चालक के बैंक अकाउंट से टोल टैक्स की राशि कर जाती है और उसे टोल पर ज्यादा रुकना भी नहीं पड़ता है लेकिन अब नेशनल हाईवे पर टोल बूथ और फास्ट ट्रैक को हटाने की तैयारी कर ली गई है इसके बाद में नया सिस्टम शुरू किया जाएगा जिसमें आपको जितनी रोड पर गाड़ी चलेगी उसके हिसाब से ही टोल देना है।
भारत सरकार इसको लेकर पूरी तैयारी कर चुकी है कुछ राज्यों के नेशनल हाईवे पर स्टाल सिस्टम को शुरू किया गया है जो की टेस्टिंग के तौर पर शुरू किया गया है अब गाड़ी मालिकों को फास्ट ट्रैक की जरूरत नहीं है यहां पर हम जिस नए टोल सिस्टम की बात कर रहे हैं वह ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम है वर्तमान में देश के दो बड़े नेशनल हाईवे कर्नाटक के बेंगलुरु मैसूर नेशनल हाईवे (NH-257) और हरियाणा में पानीपत हिसार नेशनल हाईवे (NH-709) पर इसकी टेस्टिंग शुरू की जा चुकी है।
यह एक बात सरकार द्वारा तैयार किया गया सेटेलाइट टोल सिस्टम में जो की सेटेलाइट की मदद से नेशनल हाईवे पर चलने वाली गाड़ियों का टोल टैक्स वसूल की इस नए टोल टैक्स में सैटेलाइट आधारित एक यूनिट स्थापित की जाएगी जो की गाड़ियों में इंस्टॉल कर दी जाएगी इससे सैटेलाइट यूनिट का इस्तेमाल आपके द्वारा गाड़ी पर तय की दूरी के नापने के अंदर काम आएगा सबसे बड़ा फायदा इसका यह होगा कि जितनी दूरी के लिए टोल हाईवे का इस्तेमाल आप करोगे उसे हिसाब से आपका तोल कटेगा।
इस्माइल टोल सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यही है कि कई बार हम थोड़ी सी दूरी के लिए भी टोल दे देते हैं कई बार एक गांव से दूसरे गांव में जाते हैं और 5-10 किलोमीटर के लिए हमें भारी भरकम टोल टैक्स देना पड़ता है लेकिन अब इस सिस्टम के आने के बाद में आप जितनी दूरी के लिए नेशनल हाईवे का इस्तेमाल करोगे उसी हिसाब से ऑटोमेटिक आपके टोल कट जाएगा यानी कि कम दूरी पर आपकी ऑटोमैटिक कम टोल कटेगा इसके साथ ही आपको नेशनल हाईवे पर कहीं पर भी रुकने की जरूरत भी नहीं है।