भारत में तिरंगा फहराने के लिए नियम बनाए गए हैं इंडियन और कानून को फ्लैग कोड कहा जाता है जिसका पालन करना देशवासियों के लिए अनिवार्य है अगर इनका पालन नहीं किया जाता है तो आपको बड़ी सजा हो सकती है।
15 अगस्त यानी हमारा स्वतंत्रता दिवस यह दिन हमें आजादी की याद दिलाता है इसी दिन वर्षों के बाद में हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए थे तब से हम हर साल यह दिन बड़ी धूमधाम से मनाते हैं इस साल आजादी का 78वा स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं।
पूरे देश में गलियों से लेकर स्कूलों तक हर जगह तिरंगा लहराता है हम आपको भी अपने घर प्रवेश में झंडा फहराते के लिए प्रोत्साहित करते हैं हालांकि ऐसा करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जो आपको जानना जरूरी है।
हमारे देश में तिरंगा फहराने से जुड़े सभी नियम और कानून प्ले कोड 2002 के अंतर्गत आते हैं यह नियम 26 जनवरी 2002 से लागू है इससे पहले तक तिरंगा फहराने के नियम ‘एम्बलेम्स एंड नेम्स (प्रिवेन्शन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 1950’ और ‘प्रिवेन्शन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 ‘ के तहत आते थे।
भारत का तिरंगा झंडा फहराने के नियम
2022 में केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड के नियमों में दो बड़े बदलाव के पहला बदलाव यह किया कि तिरंगे को सूर्यास्त तक पहनने की बजाय अब रात में भी यानी 24 घंटे फहराय जा सकता है दूसरा बदलाव ये किया गया कि पहले सिर्फ हाथ से बुने और काते ऊन, कपास या रेशमी खादी के तिरंगे फहराने की अनुमति थी। अब मशीन से बने कपास, ऊन या रेशमी खादी के तिरंगे भी फहराए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, पॉलिएस्टर का झंडा भी फहरा सकते हैं।
- झंडा फहराते हुए याद रखें कि यह आयताकार होना चाहिए और उसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए। इसका मतलब है कि लंबाई चौड़ाई से डेढ़ गुना होनी चाहिए, ध्यान रहे कि तिरंगा कभी भी जमीन को नहीं छूना चाहिए।
- झंडा फहराते समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर की तरफ रहना चाहिए।
- पहले झंडा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाता था, लेकिन अब आप इसे रात में भी फहरा सकते हैं।
- अगर आप तिरंगे के साथ कोई और झंडा फहरा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि दूसरा झंडा राष्ट्रीय ध्वज से बड़ा या उसके बराबर नहीं होना चाहिए।
- ध्यान रखें कि झंडे को पानी में नहीं डुबाना चाहिए और उस पर कुछ भी लिखना भी गलत है।
- बिना सरकारी आदेश के झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि तिरंगा जमीन को ना छुए।
- ध्वजारोहण के लिए इस्तेमाल तिरंगा खादी, सूती या सिल्क का हो तो अच्छा है, हालांकि 2022 के बाद अन्य मटेरियल से बना झंडा भी फहरा सकते हैं।
Tiranga Fahrane Ka Niyam Check
भारतीय कानून के अनुसार तिरंगे का एक गम भर अपराध कोई व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता हुआ पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की कह दिया जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है इसके लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में इसका प्रावधान किया गया है इस कानून के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तिरंगे और संविधान को जलाना कुचलना फाड़ना या किसी तरह का नुकसान पहुंचाना भी अपराध है।